Daily Current Affairs :-
28 September 2016(Wednesday)
1.पाक का MFN (Most Favoured Nation) दर्जा खत्म करने की तैयारी:-
सिंधु नदी जल संधि के बाद अब भारत पाकिस्तान को दिए गए व्यापार के लिहाज से तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) के दज्रे की समीक्षा करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यह समीक्षा बैठक बुलाई है। पाकिस्तान के एमएफएन दज्रे की समीक्षा करने का निर्णय जम्मू कश्मीर में उरी सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद उठाए जा रहे कदमों के संदर्भ में लिया गया है। भारत इस हमले का जवाब देने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है। भारत ने 1996 में अपनी तरफ से पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दे दिया था। यह दर्जा विश्व व्यापार संगठन के शुल्क एवं व्यापार सामान्य समझौते के तहत दिया गया। भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देश हैं।
Education Hindi
2. पाक पड़ा अलग-थलग : -
सार्क सम्मेलन में नहीं जाएंगे मोदी :-
बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान भी नहीं लेंगे हिस्सा :-
भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद में नवम्बर में होने वाले दक्षेस (SAARC ) सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। इस फैसले की घोषणा करते हुए भारत ने मंगलवार रात कहा कि ‘‘एक देश’ ने ऐसा माहौल बना दिया है, जो शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवादी हमलों में वृद्धि और एक देश द्वारा सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा वातावरण बना दिया है, जो 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है।’ इसमें कहा गया है कि मौजूदा परिदृश्य में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ है।इसमें कहा गया है कि हम यह भी समझते हैं कि दक्षेस के कुछ अन्य सदस्य देशों ने भी नवम्बर 2016 में इस्लामाबाद में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने को लेकर अपनी असमर्थता जताई है। सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान अन्य देश हैं, जिन्होंने सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। नेपाल को भेजे पत्र में भारत ने कहा कि वह क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क के प्रति अपनी दृढ़ता पर कायम है, लेकिन उसका मानना है कि ये सब आतंकवाद मुक्त माहौल में ही हो सकता है। यह घोषणा ऐसे दिन की गई है जब विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उरी हमले को लेकर दूसरा डिमाश्रे जारी किया और उन्हें उस आतंकवादी हमले में ‘‘सीमापार स्रेत’ के सबूत दिखाए जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
Education Hindi
3. आतंकवाद पर भारत-चीन के बीच पहली उच्च स्तरीय वार्ता:-
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और सुरक्षा बढ़ाने के तरीकों पर मंगलवार को भारत और चीन के बीच बातचीत हुई। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच यह पहली उचस्तरीय वार्ता है। बातचीत के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने आतंकवाद से निपटने की नीतियों और कानून पर जानकारी साझा की। इस दिशा में महत्वपूर्ण आम सहमति बनाने में भी दोनों कामयाब रहे। बैठक संयुक्त खुफिया समिति के प्रमुख आरएन रवि और चीन के केंद्रीय राजनीतिक एवं कानूनी मामलों के आयोग के महासचिव वांग योंगक्विंग की सह अध्यक्षता में हुई। दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात को लेकर भी चर्चा की। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर बताया कि बातचीत के दौरान दोनो पक्षों ने चिंता के प्रमुख मुद्दों पर आपसी समझ बढ़ाने और आतंकवाद से निपटने की अपनी-अपनी नीतियों, प्रणाली व कानून से जुड़ी जानकारियां साझा की। बयान में कहा गया है,‘सुरक्षा के खतरे से मिलकर निपटने के उपायों, आतंक के खिलाफ लड़ाई और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर दोनों पक्षों के बीच गहन बातचीत हुई। इस दिशा में दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति बनी है।’ उल्लेखनीय है कि भारत चीन के साथ द्विपक्षीय बैठकों में आतंकवाद का मुद्दा लगातार उठाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। हालांकि अब तक पाकिस्तान को लेकर चीन ढुलमुल रवैया दिखाता रहा है। लेकिन, उड़ी आतंकी हमले के बाद बदले माहौल में भारत, चीन के बीच आतंकवाद पर सीधी बातचीत रणनीतिक तौर पर काफी मायने रखती है। एक दिन पहले ही भारत के साथ युद्ध होने पर चीन का साथ मिलने के पाकिस्तान के दावे को भी बीजिंग ने खारिज किया था।
Education Hindi
4. कार्बन न्यूट्रल बना दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट:- दिल्ली हवाई अड्डा पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहला कार्बन न्यूट्रल हवाई अड्डा बन गया है।कनाडा के मांट्रियल शहर में मंगलवार को आयोजित एक समारोह में एयरपोट्र्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) ने उसे यह प्रमाणन दिया। दिल्ली हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली कंपनी डेल्ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO ) आई प्रभाकर राव ने यह प्रमाणपत्र ग्रहण किया। एसीआई ने ढाई से चार करोड़ यात्रियों वाली श्रेणी में लगातार दो साल दिल्ली हवाई अड्डे को दुनिया का नंबर एक हवाई अड्डा भी घोषित किया है। डायल द्वारा यहां जारी एक बयान में कंपनी के सीईओ श्री राव ने कहा कि कार्बन न्यूट्रल प्रमाणन हासिल करना बेहद अच्छे टीमवर्क को दर्शाता है। इसके साथ ही हमने क्षेत्र के दूसरे हवाई अड्डों के लिए नया मानक स्थापित कर दिया है। भविष्य के लिए हम ऊर्जा संरक्षण तथा हरित ऊर्जा के विकल्पों पर फोकस कर रहे हैं। दिल्ली हवाई अड्डा ने वर्ष 2020 तक 20 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। किसी हवाई अड्डे को कार्बन न्यूट्रल का प्रमाण पत्र तब मिलता है जब पूरे साल के दौरान उसका शुद्ध कार्बन उत्सर्जन शून्य हो। यानी हवाई अड्डे पर जितना कार्बन उत्सर्जन होता है उसकी मात्रा में उसका अवशोषण भी होता हो।
Education Hindi
5. कोलंबिया : ऐतिहासिक फार्क शांति समझौता संपन्न:- कोलंबिया सरकार और वामपंथी फार्क (FARC ) विद्रोही बल ने करीब 50 साल से जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए ऐतिहासिक शांति समझौते पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए। इस संघर्ष में लाखों लोग मारे गए है।राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस और रेवोल्यूशनरी आम्र्ड फोर्सेस ऑफ कोलंबिया (फार्क) के नेता तिमोलियोन ‘‘तिमोशेन्को’ जिमेनेज ने कैरेबियाई शहर कार्टाजेना में एक समारोह में समझौते पर हस्ताक्षर किए और वहां मौजूद कई अंतरराष्ट्रीय गणमान्य हस्तियों समेत लोगों की भीड़ ने तालियों के साथ इसका स्वागत किया। समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले लातिन अमेरिका के अंतिम बड़े सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने के लिए चार साल तक प्रक्रि या चली। इस समझौते का अगले सप्ताह जनमत संग्रह में अनुमोदन किया जाना अभी शेष है। राष्ट्रपति सांतोस ने समझौते पर हस्ताक्षर से पहले ट्विटर पर कहा, हम कोलंबिया में खुशी की नई भोर का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने इसे ‘‘हमारे इतिहास में एक नया चरण’ बताया। इस अवसर पर दोनों पक्षों ने वास्तविक गोलियों से बनी कलमों से हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, अमेरिका के विदेशमंत्री जॉन केरी, वेटिकन के विदेशमंत्री पिएत्रो पैरोलिन और क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो समेत लातिन अमेरिकी देशों के नेताओं ने भाग लिया।
Education Hindi
6. पहली ‘‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ में हिलेरी ने मारी बाजी:-
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई पहली बहस के बाद दर्शकों के बीच कराई गई रायशुमारी में हिलेरी को इस बहस की स्पष्ट विजेता करार दिया गया है। लगभग 62 प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में पसंद किया है। इस मतदान में डोनाल्ड ट्रंप को महज 27 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया।व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल दोनों दावेदारों के बीच गर्मागर्म बहस के बाद सीएनएन-ओआरसी सव्रेक्षण ने कहा, 68 वर्षीय हिलेरी ने अपने विचारों को 70 वर्षीय ट्रंप की तुलना में ज्यादा स्पष्टता से रखा और मुद्दों की समझ के मामले में वह ट्रंप से 2-1 के अंतर से आगे रहीं। इस बहस के दौरान दोनों ओर से निजी हमले भी बोले गए।पिछले सप्ताह जारी सव्रेक्षण में पूर्व विदेशमंत्री और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर का पूर्वानुमान लगाया गया था। अगस्त में हिलेरी से आठ से ज्यादा अंकों से पिछड़ रहे ट्रंप ने सितंबर में शानदार वापसी की थी। अपने ‘‘दमखम’ और निमोनिया की चपेट में आने को लेकर लगातार ट्रंप के सवालों का सामना कर रही हिलेरी 90 मिनट की इस बहस में अपनी जमीन वापस हासिल करती दिखीं। 56 प्रतिशत लोगों ने उन्हें मजबूत नेता बताया है जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने अब भी ट्रंप के नेतृत्व में यकीन जताया है।इस सव्रेक्षण में 57 प्रतिशत मतदाताओं ने माना कि हिलेरी उन शंकाओं का जवाब देने में सफल रही हैं, जो मतदाताओं के मन में उनके राष्ट्रपति बनने को लेकर उठ सकती हैं। हालांकि 35 प्रतिशत मतदाता इस बात के विरोध में रहे। सव्रेक्षण के अनुसार, 53 प्रतिशत मतदाताओं ने माना कि हिलेरी ज्यादा गंभीर और विश्वसनीय थीं जबकि 40 प्रतिशत ने ट्रंप को ज्यादा गंभीर और विश्वसनीय माना। लगभग 50 प्रतिशत लोगों ने माना कि बहस ने उनकी मतदान की योजनाओं पर कोई असर नहीं डाला लेकिन जिन लोगों ने खुद को इस बहस से प्रभावित माना, वे हिलेरी के पक्ष में गए।34 % ने कहा, बहस ने उन्हें हिलेरी के पक्ष में मतदान करने के लिए तत्पर किया है जबकि 18 प्रतिशत ने ट्रंप को चुना। विदेशी नीति के मुद्दे पर 62 प्रतिशत ने माना कि हिलेरी बेहतर काम करेंगी। वहीं 35 प्रतिशत ने इस संदर्भ में ट्रंप का साथ दिया। आतंकवाद से निपटने के सवाल पर भी हिलेरी ने 54 प्रतिशत मत हासिल करते हुए 43 प्रतिशत मतों वाले ट्रंप को पछाड़ दिया। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अंतर बेहद कम है।
Education Hindi
7. 10 में से नौ लोग जहरीली हवा में ले रहे हैं सांस : डब्ल्यूएचओ (WHO) :-
दुनियाकी 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस ले रही है। यानी हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित वायु में रह रहा है। हर साल करीब 60 लाख मौतें प्रदूषित हवा से हो रही है। भारत, चीन, मलेशिया और वियतनाम समेत दक्षिणपूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जल्द ही कड़े फैसले नहीं लिए तो हालात और बदतर हो जाएंगे। ये दावा है डब्ल्यूएचओ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में, जो मंगलवार को जारी हुई है।
डब्ल्यूएचओ के सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग की प्रमुख मारिया नियरा का कहना है कि हालिया आंकड़े डरावने हैं। शहरों की हवा बेहद की प्रदूषित है। हालांकि ग्रामीण इलाकों की भी हालत अच्छी नहीं है। संगठन ने दुनियाभर में 103 शहरों के 3 हजार अलग-अलग हिस्सों में हवा की गुणवत्ता की जांच की। 2008 से 2015 के बीच किए गए इस सर्वे में ये जानकारी सामने आई कि इन जगहों में प्रदूषित हवा के लिए जिम्मेदार कारण डब्ल्यूएचओ द्वारा तय सीमा से अधिक थे। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से दुनिया के देश विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, उसका सीधा असर पर्यावरण पर हो रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है 'वायु प्रदूषण के चलते हर साल करीब 60 लाख लोगों की मौत होती है। सालाना 30 लाख मौतें बाहरी वायु प्रदूषण से हो रही है। हालांकि भीतरी वायु प्रदूषण भी कम घातक नहीं है खासकर गरीब देशों में जहां घरों में लकड़ी को जलाने से खाना पकाया जाता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायु प्रदूषण से करीब 90 फीसदी मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। भारत, चीन, मलेशिया और वियतनाम समेत दक्षिणपूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत देश ज्यादा प्रभावित हैं।
मई में जारी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में 1.40 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में दिल्ली सबसे प्रदूषित थी इसके बाद काहिरा और ढाका का नंबर था। मई की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह परिवहन बताई गई थी। इसके अनुसार, वाहन संख्या कम कर, साइक्लिंग, पैदल चलने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देकर हवा की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है। इमारतों को ठंडा और गरम करने वाले उपकरण भी जिम्मेदार हैं।
28 September 2016(Wednesday)
1.पाक का MFN (Most Favoured Nation) दर्जा खत्म करने की तैयारी:-
सिंधु नदी जल संधि के बाद अब भारत पाकिस्तान को दिए गए व्यापार के लिहाज से तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) के दज्रे की समीक्षा करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यह समीक्षा बैठक बुलाई है। पाकिस्तान के एमएफएन दज्रे की समीक्षा करने का निर्णय जम्मू कश्मीर में उरी सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद उठाए जा रहे कदमों के संदर्भ में लिया गया है। भारत इस हमले का जवाब देने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है। भारत ने 1996 में अपनी तरफ से पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दे दिया था। यह दर्जा विश्व व्यापार संगठन के शुल्क एवं व्यापार सामान्य समझौते के तहत दिया गया। भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देश हैं।
Education Hindi
2. पाक पड़ा अलग-थलग : -
सार्क सम्मेलन में नहीं जाएंगे मोदी :-
बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान भी नहीं लेंगे हिस्सा :-
भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद में नवम्बर में होने वाले दक्षेस (SAARC ) सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। इस फैसले की घोषणा करते हुए भारत ने मंगलवार रात कहा कि ‘‘एक देश’ ने ऐसा माहौल बना दिया है, जो शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवादी हमलों में वृद्धि और एक देश द्वारा सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा वातावरण बना दिया है, जो 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है।’ इसमें कहा गया है कि मौजूदा परिदृश्य में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ है।इसमें कहा गया है कि हम यह भी समझते हैं कि दक्षेस के कुछ अन्य सदस्य देशों ने भी नवम्बर 2016 में इस्लामाबाद में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने को लेकर अपनी असमर्थता जताई है। सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान अन्य देश हैं, जिन्होंने सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। नेपाल को भेजे पत्र में भारत ने कहा कि वह क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क के प्रति अपनी दृढ़ता पर कायम है, लेकिन उसका मानना है कि ये सब आतंकवाद मुक्त माहौल में ही हो सकता है। यह घोषणा ऐसे दिन की गई है जब विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उरी हमले को लेकर दूसरा डिमाश्रे जारी किया और उन्हें उस आतंकवादी हमले में ‘‘सीमापार स्रेत’ के सबूत दिखाए जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
Education Hindi
3. आतंकवाद पर भारत-चीन के बीच पहली उच्च स्तरीय वार्ता:-
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और सुरक्षा बढ़ाने के तरीकों पर मंगलवार को भारत और चीन के बीच बातचीत हुई। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच यह पहली उचस्तरीय वार्ता है। बातचीत के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने आतंकवाद से निपटने की नीतियों और कानून पर जानकारी साझा की। इस दिशा में महत्वपूर्ण आम सहमति बनाने में भी दोनों कामयाब रहे। बैठक संयुक्त खुफिया समिति के प्रमुख आरएन रवि और चीन के केंद्रीय राजनीतिक एवं कानूनी मामलों के आयोग के महासचिव वांग योंगक्विंग की सह अध्यक्षता में हुई। दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात को लेकर भी चर्चा की। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर बताया कि बातचीत के दौरान दोनो पक्षों ने चिंता के प्रमुख मुद्दों पर आपसी समझ बढ़ाने और आतंकवाद से निपटने की अपनी-अपनी नीतियों, प्रणाली व कानून से जुड़ी जानकारियां साझा की। बयान में कहा गया है,‘सुरक्षा के खतरे से मिलकर निपटने के उपायों, आतंक के खिलाफ लड़ाई और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर दोनों पक्षों के बीच गहन बातचीत हुई। इस दिशा में दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति बनी है।’ उल्लेखनीय है कि भारत चीन के साथ द्विपक्षीय बैठकों में आतंकवाद का मुद्दा लगातार उठाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। हालांकि अब तक पाकिस्तान को लेकर चीन ढुलमुल रवैया दिखाता रहा है। लेकिन, उड़ी आतंकी हमले के बाद बदले माहौल में भारत, चीन के बीच आतंकवाद पर सीधी बातचीत रणनीतिक तौर पर काफी मायने रखती है। एक दिन पहले ही भारत के साथ युद्ध होने पर चीन का साथ मिलने के पाकिस्तान के दावे को भी बीजिंग ने खारिज किया था।
Education Hindi
4. कार्बन न्यूट्रल बना दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट:- दिल्ली हवाई अड्डा पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहला कार्बन न्यूट्रल हवाई अड्डा बन गया है।कनाडा के मांट्रियल शहर में मंगलवार को आयोजित एक समारोह में एयरपोट्र्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) ने उसे यह प्रमाणन दिया। दिल्ली हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली कंपनी डेल्ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO ) आई प्रभाकर राव ने यह प्रमाणपत्र ग्रहण किया। एसीआई ने ढाई से चार करोड़ यात्रियों वाली श्रेणी में लगातार दो साल दिल्ली हवाई अड्डे को दुनिया का नंबर एक हवाई अड्डा भी घोषित किया है। डायल द्वारा यहां जारी एक बयान में कंपनी के सीईओ श्री राव ने कहा कि कार्बन न्यूट्रल प्रमाणन हासिल करना बेहद अच्छे टीमवर्क को दर्शाता है। इसके साथ ही हमने क्षेत्र के दूसरे हवाई अड्डों के लिए नया मानक स्थापित कर दिया है। भविष्य के लिए हम ऊर्जा संरक्षण तथा हरित ऊर्जा के विकल्पों पर फोकस कर रहे हैं। दिल्ली हवाई अड्डा ने वर्ष 2020 तक 20 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। किसी हवाई अड्डे को कार्बन न्यूट्रल का प्रमाण पत्र तब मिलता है जब पूरे साल के दौरान उसका शुद्ध कार्बन उत्सर्जन शून्य हो। यानी हवाई अड्डे पर जितना कार्बन उत्सर्जन होता है उसकी मात्रा में उसका अवशोषण भी होता हो।
Education Hindi
5. कोलंबिया : ऐतिहासिक फार्क शांति समझौता संपन्न:- कोलंबिया सरकार और वामपंथी फार्क (FARC ) विद्रोही बल ने करीब 50 साल से जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए ऐतिहासिक शांति समझौते पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए। इस संघर्ष में लाखों लोग मारे गए है।राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस और रेवोल्यूशनरी आम्र्ड फोर्सेस ऑफ कोलंबिया (फार्क) के नेता तिमोलियोन ‘‘तिमोशेन्को’ जिमेनेज ने कैरेबियाई शहर कार्टाजेना में एक समारोह में समझौते पर हस्ताक्षर किए और वहां मौजूद कई अंतरराष्ट्रीय गणमान्य हस्तियों समेत लोगों की भीड़ ने तालियों के साथ इसका स्वागत किया। समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले लातिन अमेरिका के अंतिम बड़े सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने के लिए चार साल तक प्रक्रि या चली। इस समझौते का अगले सप्ताह जनमत संग्रह में अनुमोदन किया जाना अभी शेष है। राष्ट्रपति सांतोस ने समझौते पर हस्ताक्षर से पहले ट्विटर पर कहा, हम कोलंबिया में खुशी की नई भोर का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने इसे ‘‘हमारे इतिहास में एक नया चरण’ बताया। इस अवसर पर दोनों पक्षों ने वास्तविक गोलियों से बनी कलमों से हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, अमेरिका के विदेशमंत्री जॉन केरी, वेटिकन के विदेशमंत्री पिएत्रो पैरोलिन और क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो समेत लातिन अमेरिकी देशों के नेताओं ने भाग लिया।
Education Hindi
6. पहली ‘‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ में हिलेरी ने मारी बाजी:-
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई पहली बहस के बाद दर्शकों के बीच कराई गई रायशुमारी में हिलेरी को इस बहस की स्पष्ट विजेता करार दिया गया है। लगभग 62 प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में पसंद किया है। इस मतदान में डोनाल्ड ट्रंप को महज 27 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया।व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल दोनों दावेदारों के बीच गर्मागर्म बहस के बाद सीएनएन-ओआरसी सव्रेक्षण ने कहा, 68 वर्षीय हिलेरी ने अपने विचारों को 70 वर्षीय ट्रंप की तुलना में ज्यादा स्पष्टता से रखा और मुद्दों की समझ के मामले में वह ट्रंप से 2-1 के अंतर से आगे रहीं। इस बहस के दौरान दोनों ओर से निजी हमले भी बोले गए।पिछले सप्ताह जारी सव्रेक्षण में पूर्व विदेशमंत्री और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर का पूर्वानुमान लगाया गया था। अगस्त में हिलेरी से आठ से ज्यादा अंकों से पिछड़ रहे ट्रंप ने सितंबर में शानदार वापसी की थी। अपने ‘‘दमखम’ और निमोनिया की चपेट में आने को लेकर लगातार ट्रंप के सवालों का सामना कर रही हिलेरी 90 मिनट की इस बहस में अपनी जमीन वापस हासिल करती दिखीं। 56 प्रतिशत लोगों ने उन्हें मजबूत नेता बताया है जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने अब भी ट्रंप के नेतृत्व में यकीन जताया है।इस सव्रेक्षण में 57 प्रतिशत मतदाताओं ने माना कि हिलेरी उन शंकाओं का जवाब देने में सफल रही हैं, जो मतदाताओं के मन में उनके राष्ट्रपति बनने को लेकर उठ सकती हैं। हालांकि 35 प्रतिशत मतदाता इस बात के विरोध में रहे। सव्रेक्षण के अनुसार, 53 प्रतिशत मतदाताओं ने माना कि हिलेरी ज्यादा गंभीर और विश्वसनीय थीं जबकि 40 प्रतिशत ने ट्रंप को ज्यादा गंभीर और विश्वसनीय माना। लगभग 50 प्रतिशत लोगों ने माना कि बहस ने उनकी मतदान की योजनाओं पर कोई असर नहीं डाला लेकिन जिन लोगों ने खुद को इस बहस से प्रभावित माना, वे हिलेरी के पक्ष में गए।34 % ने कहा, बहस ने उन्हें हिलेरी के पक्ष में मतदान करने के लिए तत्पर किया है जबकि 18 प्रतिशत ने ट्रंप को चुना। विदेशी नीति के मुद्दे पर 62 प्रतिशत ने माना कि हिलेरी बेहतर काम करेंगी। वहीं 35 प्रतिशत ने इस संदर्भ में ट्रंप का साथ दिया। आतंकवाद से निपटने के सवाल पर भी हिलेरी ने 54 प्रतिशत मत हासिल करते हुए 43 प्रतिशत मतों वाले ट्रंप को पछाड़ दिया। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अंतर बेहद कम है।
Education Hindi
7. 10 में से नौ लोग जहरीली हवा में ले रहे हैं सांस : डब्ल्यूएचओ (WHO) :-
दुनियाकी 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस ले रही है। यानी हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित वायु में रह रहा है। हर साल करीब 60 लाख मौतें प्रदूषित हवा से हो रही है। भारत, चीन, मलेशिया और वियतनाम समेत दक्षिणपूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जल्द ही कड़े फैसले नहीं लिए तो हालात और बदतर हो जाएंगे। ये दावा है डब्ल्यूएचओ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में, जो मंगलवार को जारी हुई है।
डब्ल्यूएचओ के सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग की प्रमुख मारिया नियरा का कहना है कि हालिया आंकड़े डरावने हैं। शहरों की हवा बेहद की प्रदूषित है। हालांकि ग्रामीण इलाकों की भी हालत अच्छी नहीं है। संगठन ने दुनियाभर में 103 शहरों के 3 हजार अलग-अलग हिस्सों में हवा की गुणवत्ता की जांच की। 2008 से 2015 के बीच किए गए इस सर्वे में ये जानकारी सामने आई कि इन जगहों में प्रदूषित हवा के लिए जिम्मेदार कारण डब्ल्यूएचओ द्वारा तय सीमा से अधिक थे। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से दुनिया के देश विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, उसका सीधा असर पर्यावरण पर हो रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है 'वायु प्रदूषण के चलते हर साल करीब 60 लाख लोगों की मौत होती है। सालाना 30 लाख मौतें बाहरी वायु प्रदूषण से हो रही है। हालांकि भीतरी वायु प्रदूषण भी कम घातक नहीं है खासकर गरीब देशों में जहां घरों में लकड़ी को जलाने से खाना पकाया जाता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायु प्रदूषण से करीब 90 फीसदी मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। भारत, चीन, मलेशिया और वियतनाम समेत दक्षिणपूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत देश ज्यादा प्रभावित हैं।
मई में जारी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में 1.40 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में दिल्ली सबसे प्रदूषित थी इसके बाद काहिरा और ढाका का नंबर था। मई की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह परिवहन बताई गई थी। इसके अनुसार, वाहन संख्या कम कर, साइक्लिंग, पैदल चलने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देकर हवा की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है। इमारतों को ठंडा और गरम करने वाले उपकरण भी जिम्मेदार हैं।
8. यशवर्धन सिन्हा बने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त:- वरिष्ठ आइएफएस (IFS) अधिकारी यशवर्धन कुमार सिन्हा को मंगलवार को ब्रिटेन में भारत का उ उच्चायुक्त नियुक्त किया गया। वह नवतेज सरना का स्थान लेंगे जिन्हें अमेरिका में भारत का राजदूत बनाया गया है। भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) के 1981 बैच के अधिकारी सिन्हा अभी श्रीलंका में भारतीय उचायुक्त हैं। जल्द ही उनके नया कार्यभार संभालने की उम्मीद है। इससे पहले सरकार ने सिन्हा के स्थान पर तरनजीत सिंह संधू को श्रीलंका में भारत का नया उच्चायुक्त नियुक्त किया था। संधू आइएफएस के 1988 बैच के अधिकारी हैं। सिन्हा एक अनुभवी राजनयिक हैं। 35 वर्षो के करियर में वह विदेश मंत्रलय और दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप, दक्षिण अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक मिशनों में महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। श्रीलंका में उचायुक्त बनने से पहले वह विदेश मंत्रलय में अतिरिक्त सचिव थे और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के मामले देख रहे थे
-----------------------------------------
(Daily Current Affairs )
(Daily Current Affairs )